सऊदी अरब में कामगारों के हक के लिए बड़ी राहत
वर्करों के लिए एकामें की फीस माफी
सऊदी अरब में काम कर रहे विदेशी वर्करों के लिए यह एक बड़ी राहत की खबर है। सऊदी सरकार ने अनाउसमेंट की है कि कुछ खास गैरमुल्की वर्करों के एकामें की फीस को एक साल के लिए माफ कर दिया गया है। यह फैसला उन वर्करों के लिए है जिनके एकामें को उनकी कंपनियां या कफील (employers) वक़्त पर नहीं बनाते हैं या जिनकी सैलरी लगातार नहीं दी जाती है।
यह माफी उन वर्करों के लिए है जो अपने कफील (employers) या कंपनी से परेशान हैं और उनके ज़रिये वर्कर को लगातार सैलरी नहीं दी जाती है। और इसी लिए यह कदम सऊदी सरकार की ओर से वर्करों के लिए उनकी फिकर और सुरक्षा को दर्शाता है।
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सऊदी अरब लेबर लॉ आर्टिकल 88 विदेशी वर्करों के हक की सुरक्षा के लिए एक बहोत अच्छा कानून है। यह कानून उन सभी हालातों को ध्यान में रखता है, जिनमें वर्करों का हक किसी कंपनी या कफील (employers) द्वारा छीना जा सकता है। अगर किसी भी गैरमुल्की वर्कर का कांट्रैक्ट खत्म हो जाता है, चाहे वह खुद से या कंपनी द्वारा, और उस वर्कर को उस कंपनी से कोई बकाया पैसा नहीं मिलता, तो यह कानून उसे पूरा हक दिलाता है कि वह अपना हक उस कंपनी से हासिल कर सके।
बकाया सैलरी और बोनस हासिल करने की प्रक्रिया
सऊदी लेबर लॉ आर्टिकल 88 के तहत, अगर किसी भी वर्कर का कांट्रैक्ट समाप्त हो जाता है और उसे उसकी सैलरी या बोनस नहीं मिलती है, तो यह कानून कंपनी या कफील (employers) को आदेश देता है कि वो दो हफ्ते के अंदर-अंदर उस वर्कर का पूरा बकाया चुकता करें। अगर कंपनी खुद कांट्रैक्ट समाप्त करती है, तो उसे एक हफ्ते के अंदर बकाया चुकाना होगा।
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यह कानून तय करता है कि वर्कर को उनका हक तुरंत मिले और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस कानून का पालन न करने पर कंपनियों को कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।
वर्करों के लिए जरूरी जानकारी
वर्करों के लिए यह ज़रूरी है कि वो अपने हक की जानकारी रखें और लेबर लॉ आर्टिकल 88 का सही इस्तेमाल करें। कई बार ऐसा होता है कि वर्कर अपने कफील (employers) या कंपनी से नकल कफाला (ट्रांसफर) करा लेते हैं, लेकिन उनका बकाया पैसा पुराने कफील (employers) के पास रह जाता है। इस मसले में, सऊदी लेबर लॉ आर्टिकल 88 उनके हक की रक्षा करता है और उन्हें उनका बकाया हासिल करने में मदद करता है।
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नकल कफाला की प्रक्रिया
सऊदी अरब के लेबर लॉ आर्टिकल 88 के तहत, अगर कोई गैरमुल्की वर्कर किसी दूसरी जगह अपना नकल कफाला कराता है, तो उसे अपने बकाया की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह कानून उसके हक की पूरी तरह से सुरक्षा करता है और अगर कंपनी या कफील (employers) उसके बकाया को नहीं चुकाते हैं, तो वो कानूनी कार्यवाही का सामना कर सकते हैं। यह कानून तय करता है कि कोई भी वर्कर सऊदी अरब में अपने हक से वंचित न रहे और उसे उसका पूरा हक मिले।
FAQs:
क्या सभी कामगारों के लिए एकामें की फीस माफ की गई है?
नहीं, यह माफी सिर्फ उन कामगारों के लिए है जिनके एकामें को उनकी कंपनियां या कफील (employers) समय पर नहीं बनाते हैं या जिनकी सैलरी लगातार नहीं दी जाती है।
अगर कंपनी ने कांट्रैक्ट समाप्त कर दिया है, तो बकाया सैलरी कब तक मिलेगी?
अगर कंपनी खुद कांट्रैक्ट समाप्त करती है, तो उसे एक हफ्ते के अंदर बकाया चुकाना होगा।
लेबर लॉ आर्टिकल 88 क्या है?
यह सऊदी अरब का एक कानून है जो सऊदी अरब में मौजूद दूसरे मुल्कों के वर्करों के हक की सुरक्षा करता है और उन्हें भरोसा दिलाता है कि उन्हें उनका हक मिले।
क्या नकल कफाला के बाद भी बकाया प्राप्त किया जा सकता है?
हां, लेबर लॉ आर्टिकल 88 के तहत, नकल कफाला के बाद भी कामगार को उसका बकाया प्राप्त करने का पूरा हक है।
Conclusion:
सऊदी अरब में हाल ही में हुए कैबिनेट मीटिंग के फैसले कामगारों के लिए एक बड़ी राहत साबित होंगे। लेबर लॉ आर्टिकल 88 के तहत उनके हक की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है, जिससे कामगारों को उनके हक की प्राप्ति में कोई परेशानी न हो। कामगारों को अपने हक की जानकारी होनी चाहिए और इस कानून का सही इस्तेमाल करना चाहिए ताकि वो किसी भी तरह की परेशानी से बच सकें।