NEW DELHI: संसद परिसर में गरमागरम विरोध प्रदर्शन के बीच भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी घायल हो गए। यह घटना इंडिया ब्लॉक के सदस्यों और भाजपा सांसदों के बीच हुई झड़प के दौरान घटी। श्री सारंगी का दावा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा धक्का दिए जाने के बाद एक अन्य सांसद उनके ऊपर गिर गए, जिससे उनके सिर में चोट लग गई। और फिर इसके बाद तुरंत उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
कौन हैं प्रताप चंद्र सारंगी?
प्रताप चंद्र सारंगी भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता हैं, जो ओडिशा के बालासोर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी सादगी और धार्मिक जीवनशैली के लिए वे काफी लोकप्रिय हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
- श्री सारंगी का जन्म 4 जनवरी, 1955 को ओडिशा के गोपीनाथपुर गांव में हुआ।
- उन्होंने 1975 में उत्कल विश्वविद्यालय से संबद्ध फकीर मोहन कॉलेज से कला स्नातक की डिग्री हासिल की।
राजनीतिक करियर:
- उनका राजनीतिक सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में शुरू हुआ।
- उन्होंने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल में भी काम किया।
- वह 2004 से 2009 और 2009 से 2014 तक नीलगिरि निर्वाचन क्षेत्र से ओडिशा विधान सभा के सदस्य रहे।
लोकसभा में प्रवेश:
- 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ने के बावजूद वे हार गए।
- 2019 में उन्होंने बीजू जनता दल के सांसद रबींद्र कुमार जेना को हराकर बालासोर से जीत दर्ज की।
केंद्रीय मंत्री का कार्यकाल:
- मई 2019 में उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री नियुक्त किया गया।
विवादों से जुड़ाव:
- 1999 में ऑस्ट्रेलियाई ईसाई मिशनरी ग्राहम स्टेंस और उनके दो बेटों की हत्या में शामिल होने के आरोपों ने उन्हें विवादों में घेर लिया था।
- 2002 में ओडिशा विधानसभा पर हमले के बाद दंगे और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
घटना का असर
यह घटना संसद में गर्म माहौल का प्रतीक है, जहां राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगातार बढ़ रहे हैं। श्री सारंगी के घायल होने के बाद भाजपा ने इस मामले की कड़ी निंदा की है और उचित जांच की मांग की है।
Conclusion: प्रताप चंद्र सारंगी एक सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले नेता माने जाते हैं, लेकिन उनके करियर में कई विवाद जुड़े हुए हैं। संसद परिसर में हुई ताजा घटना ने उनके साथ-साथ संसद की कार्यवाही पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।