चुनावी माहौल में जुबानी जंग
Maharashtra में विधानसभा चुनाव में तीन हफ्ते से भी कम समय रह गया है और राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है क्योंकि प्रतिद्वंद्वी एक-दूसरे पर कटाक्ष कर रहे हैं। अब, एनसीपी के शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र अवहाद ने प्रतिद्वंद्वी खेमे के नेता अजीत पवार पर चौतरफा हमला किया है और तीखी प्रतिक्रिया दी है। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री श्री अवहाद ने अजित पवार पर राकांपा का घड़ी चुनाव चिन्ह छीनने का आरोप लगाया और उन्हें दूसरे चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने की चुनौती दी।
राकांपा में विवाद और चुनौती
जितेंद्र अव्हाड मुंब्रा-कलवा विधानसभा सीट से राकांपा (सपा) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका वे 2009 से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “राकांपा किसकी थी? शरद पवार। और एक दिन, अजीत पवार आते हैं , शरद पवार को उनकी पार्टी से बाहर धकेल दिया और उनकी घड़ी (चिह्न) छीन ली। यह जेबकतरों का गिरोह है, यदि आपमें साहस होता, तो आप किसी अन्य प्रतीक के साथ चुनाव लड़ते।”
पार्टी का विभाजन और कानूनी लड़ाई
शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा पिछले साल अनुभवी राजनेता के भतीजे अजीत पवार के नेतृत्व में विद्रोह के बाद विभाजित हो गई थी। इसके बाद अजित पवार महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए और उपमुख्यमंत्री बन गए। दोनों गुट पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को इस अस्वीकरण के साथ एनसीपी प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति दी है कि मामला अदालत में है। शरद पवार गुट एनसीपी शरदचंद्र पवार नाम और तुरहा बजाते हुए आदमी के प्रतीक का उपयोग कर रहा है।
प्रतिक्रिया में तीखे शब्द
श्री आव्हाड की टिप्पणी पर अजित पवार खेमे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रवक्ता सूरज चौहान ने कहा है कि जितेंद्र आव्हाड मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं और ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वह अपनी आसन्न हार देख सकते हैं। हम उनके इलाज का खर्च उठाने के लिए तैयार हैं। वह इन स्टंट के जरिए प्रचार पाने की कोशिश करते हैं।” तीन बार के विधायक जीतेंद्र अवहाद का आगामी चुनाव में कलवा-मुंब्रा में एनसीपी के नजीब मुल्ला से मुकाबला है।
मुंब्रा-कलवा में चुनावी मुकाबला
तीन बार के विधायक जीतेंद्र अवहाद का आगामी चुनाव में कलवा-मुंब्रा में एनसीपी के नजीब मुल्ला से मुकाबला है।
conclusion
महाराष्ट्र में चुनावी माहौल गरमा गया है और एनसीपी में गुटबाजी का असर चुनाव पर पड़ता दिख रहा है। जितेंद्र अव्हाड और अजीत पवार के बीच की तकरार और तीखे बयानों के बीच मतदाताओं के मन में कई सवाल हैं, जो इस चुनाव को और दिलचस्प बना रहे हैं।