PM Narendra Modi आज कुवैत की ऐतिहासिक यात्रा पर रवाना होंगे। यह दौरा कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के निमंत्रण पर हो रहा है। यह 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत यात्रा है और इसका उद्देश्य दोनों देशों के मजबूत रिश्तों को और गहरा बनाना है।
यात्रा का ऐतिहासिक महत्व
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और कुवैत के गहरे संबंधों को एक नई दिशा देने का प्रतीक है। आखिरी बार 1981 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत की यात्रा की थी। यह दौरा व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का एक बड़ा अवसर है।
भारतीय श्रमिकों के साथ संवाद
प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा की शुरुआत भारतीय श्रमिकों से संवाद से करेंगे। वह उनके शिविर में रुककर उनकी समस्याएं सुनेंगे और उनके योगदान की सराहना करेंगे। यह पहल प्रवासी भारतीयों के साथ भारत सरकार की जुड़ाव की नीति को और मजबूत करती है
भारत-कुवैत के गहरे संबंध
भारत और कुवैत के रिश्ते ऐतिहासिक और स्थायी हैं। यह संबंध व्यापार, संस्कृति और आपसी सहयोग के माध्यम से और सशक्त हुए हैं। कुवैत में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समूह है, जो दोनों देशों के बीच सेतु का काम करता है। भारत, कुवैत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है और ऊर्जा क्षेत्र में उसका अहम सहयोगी है।
प्रधानमंत्री का औपचारिक स्वागत और उच्चस्तरीय वार्ता
कुवैत पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी को बयान पैलेस में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद, वह कुवैत के अमीर, क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री के साथ उच्चस्तरीय वार्ताओं में हिस्सा लेंगे। इन बैठकों में व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा होगी।
व्यापार और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग
भारत और कुवैत के बीच व्यापारिक संबंधों की बुनियाद काफी मजबूत है। वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार का आंकड़ा $10.47 बिलियन तक पहुंचा। ऊर्जा के क्षेत्र में कुवैत, भारत के प्रमुख साझेदारों में से एक है। इस यात्रा का मुख्य फोकस ऊर्जा क्षेत्र में नई साझेदारियों को प्रोत्साहित करना होगा।
भारतीय समुदाय से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी कुवैत में भारतीय प्रवासी समुदाय से भी संवाद करेंगे। उनकी इस बातचीत का उद्देश्य दोनों देशों के सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करना है। भारतीय समुदाय ने कुवैत की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
1981 के बाद का ऐतिहासिक दौरा
यह यात्रा 1981 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा कुवैत का पहला दौरा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम दोनों देशों के संबंधों को और ऊंचाई पर ले जाने का एक ऐतिहासिक प्रयास है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा भारत और कुवैत के बहुआयामी संबंधों को नई दिशा देने में मील का पत्थर साबित होगी। यह दौरा न केवल आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि दोनों देशों के सांस्कृतिक जुड़ाव को भी बढ़ावा देगा।
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