सऊदी अरब में वर्कर्स के अधिकार और कफील की जिम्मेदारियां

SAUDI  सऊदी अरब में वर्कर्स के अधिकार और कफील की जिम्मेदारियां

सऊदी अरब में काम करने वाले वर्कर्स के लिए यह जरूरी है कि वो अपने अधिकारों और कफील की जिम्मेदारियों के बारे में पूरी तरह से मालूमात हासिल हों। हम आपको पूरी तरह से बताएंगे कि सऊदी लेबर कानून के तहत वर्कर्स के कौन-कौन से अधिकार होते हैं और कफील किन-किन सूरतों में वर्कर्स की सैलरी से पैसा काट सकता है।

सऊदी अरब में वर्कर्स के अधिकार

सबसे पहले, वर्कर्स का यह अधिकार है कि वो अपने कफील के साथ एक कांट्रैक्ट करें, जो उनके काम और सैलरी से जुड़ी सभी शर्तों को पूरा कर सके। और यह कांट्रैक्ट कानूनी तरह से मान्यता प्राप्त होता है और इसमें लिखे गए  कामों  के अलावा कोई और ज़रूरत से ज़्यादा काम करने के लिए वर्कर नहीं कहा जा सकता।

अगर कोई वर्कर घरेलू वर्कर है, जैसे कि हाउस ड्राइवर या घरेलू नौकर, तो वह अपनी सैलरी को अरबी महीने के आखिर में अपने कफील से मांगने का हकदार होता है। हालांकि, अगर दोनों पक्ष यानी कफील और वर्कर इंग्लिश महीने के हिसाब से सैलरी लेने और देने पर सहमत होते हैं, तो यह भी Acceptable है।

सऊदी कफील की जिम्मेदारियां और वर्कर सैलरी कटौती की कुछ शर्तें

कफील के पास वर्कर की सैलरी से पैसा काटने का अधिकार सिर्फ तीन ज़रूरी हालातों में होते हैं:

ALSO READ  सऊदी अरब में Iqama ID Haroob Cancellation के बारे में नई जानकारी और नियम

1जब वर्कर जानबूझकर या लापरवाही से कफील या कंपनी को कोई नुकसान पहुंचाता है।

2. अगर वर्कर ने कंपनी से कोई एडवांस पैसा लिया है।

3. अगर सऊदी अदालत ने किसी मामले में वर्कर के खिलाफ फैसला सुनाया है जिसमें वर्कर को कफील को पैसे   देने होते हैं।

इन मसलों में भी कफील वर्कर की पूरी सैलरी एक साथ नहीं काट सकता। वर्कर की हर महीने की सैलरी से सिर्फ 50% तक की कटौती की जा सकती है।

सऊदी अरब में घरेलू वर्कर्स के लिए ज़रूरी नियम

घरेलू वर्कर्स के लिए यह जरूरी है कि उन्हें हर दिन कम से कम 9 घंटे का रेस्ट दिया जाए, क्योंकि उनकी ड्यूटी की कोई समयसीमा नहीं होती। इसके अलावा, वर्कर्स को हफ्ते में एक दिन की छुट्टी भी मिलनी चाहिए। यह नियम लेबर कानून में पूरी तरह से लिखा गया है, लेकिन कई बार घरेलू वर्कर्स को यह सुविधा नहीं मिलती, जो कि गैरकानूनी है।

वर्कर की बीमारियों के दौरान कफील की जिम्मेदारी

अगर वर्कर बीमार पड़ जाए, तो उसके इलाज की पूरी जिम्मेदारी कफील की होती है। साथ ही, वर्कर को रहने के लिए उचित और सहीह जगह मुहैया कराना भी कफील की ज़िम्मेदारी है।

वर्कर के छुट्टियों के अधिकार

वर्कर्स के पास यह अधिकार होता है कि वो हर 2 साल में एक महीने की पेड लीव (वेतन सहित छुट्टी) लें। वहीं, कंपनियों में काम करने वाले वर्कर्स को साल में 21 दिन की पेड लीव मिलनी चाहिए, यानी 2 साल में 42 दिन की पेड लीव।

प्रोबेशन पीरियड और कांट्रैक्ट टर्मिनेशन

सऊदी अरब में नए वर्कर्स को 90 दिन का प्रोबेशन पीरियड लेने का अधिकार होता है, और इस ट्रायल पीरियड के दौरान वे अपना वर्क कांट्रैक्ट टर्मिनेट कर सकते हैं। अगर वर्क कांट्रैक्ट टर्मिनेट हो जाता है, तो वर्कर को उसके मुल्क वापसी का खर्च कफील को उठाना होता है।

ALSO READ  Jeddah Airport पर बड़ी कार्रवाई: ट्रांजिट वीज़ा धारकों को हज करने से रोका गया, 500 से अधिक लोग हिरासत में

वर्कर के एंड ऑफ सर्विस लाभ

सऊदी अरब में घरेलू वर्कर्स को 4 साल पूरा काम करने के बाद एक महीने की सैलरी एंड ऑफ सर्विस के रूप में मिलनी चाहिए। वहीं, कंपनियों में काम करने वाले वर्कर्स को 3 साल पूरा काम करने के बाद एंड ऑफ सर्विस का लाभ मिलना शुरू हो जाता है, जो वक़्त के साथ बढ़ता जाता है।

सऊदी लेबर कानून के मोताबिक, वर्कर्स के अधिकार और कफील की जिम्मेदारि है की वो वर्कर के अधिकार को पूरी तरह से पूरा करें। वर्कर्स को यह यक़ीन करना चाहिए कि उन्हें उनके सभी अधिकार मिल रहे हैं, और अगर कोई भी कंपनी या कफील इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो यह कानून के खिलाफ है।

Leave a Comment